ऐ नर ! उठ, तू ऐसा काम कर,
ऐ नर ! उठ, तू ऐसा काम कर,
कि खुद पर एक एहसान कर
बन जा तू फौलाद, ऐसा तू विश्वास कर
है अंग-अंग में जोश भरा, है आगे दुश्मन तेरे खड़ा
है शेर सी फुर्ती तुझमें, तू उसका संहार कर
ऐ नर! उठ, तू ऐसा काम कर..
तू दौड़ गगन के सीने पे , वायु के रफ्तार से
भस्म हो जाएगा दुश्मन, तेरे बदन की आग से
एक तेज़ लपट सी उठे, दुश्मन की ओर जब तू चले
काँप उठे धरती सारी, ऐसा तू दहाड़ कर
#New year motivation #motivation thought #New Hindi poetry #veer rash #believe #karma shayriऐ नर ! उठ, तू ऐसा काम कर..
No comments:
Post a Comment